Top-up Health Insurance क्या होता है ? फायदें, क्यों जरुरी, कैसे काम करता है, Example से समझें

Top up Health Insurance In Hindi: टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस एक अतिरिक्त मेडिकल कवर है जो तभी active होता है जब आपका मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस कवर (Sum Assured) पूरी तरह समाप्त हो जाए। Top up health policy डिडक्टिबल के आधार पर काम करता है, मतलब खर्च उस सीमा से ऊपर होने पर ही क्लेम मिलेगा। यह बड़े मेडिकल बिल से बचने और कम प्रीमियम में ज्यादा सुरक्षा पाने का आसान तरीका है।

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Top-up Health Insurance क्या है ?

टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस एक ऐसा Extra Health Insurance Coverage होता है इसकी जरूरत या काम तब होता जब आपका मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस कवर (Sum Insured) पूरी तरह खत्म हो जाए। टॉप-अप आपको ज्यादा कवरेज देता है लेकिन कम प्रीमियम पर, क्योंकि इसमें डिडक्टिबल (Deductible) होता है।डिडक्टिबल का मतलब है कि पॉलिसी तभी पैसा देगी जब आपका मेडिकल खर्च तय की गई सीमा से ऊपर चला जाए।

उदाहरण: मान लीजिए आपके पास ₹5 लाख का बेस हेल्थ इंश्योरेंस प्लान है और ₹10 लाख का टॉप-अप प्लान है (डिडक्टिबल ₹5 लाख):

Top-up Health Insurance के फायदे (Benefits)

policybazaar.com के अनुसार बड़े मेडिकल बिल से बचाव, टैक्स बेनिफिट और फ्लेक्सिबल डिडक्टिबल के साथ किफायती सुरक्षा का बेहतर विकल्प प्रदान करता है।

कम प्रीमियम में ज्यादा कवरेज: टॉप-अप प्लान मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस के ऊपर अतिरिक्त सुरक्षा देता है, और प्रीमियम भी सामान्य पॉलिसी की तुलना में काफी कम होता है क्योंकि यह केवल बड़े खर्च पर लागू होता है।

बड़े मेडिकल बिल से सुरक्षा: अगर अस्पताल का बिल आपके बेस प्लान की सीमा से अधिक हो जाता है, तो टॉप-अप प्लान बाकी राशि कवर कर देता है, जिससे जेब से खर्च कम होता है।

मौजूदा प्लान को अपग्रेड करने का आसान तरीका: कोई दूसरा नया महंगा प्लान खरीदने के बजाय मौजूदा पॉलिसी के ऊपर टॉप-अप जोड़ना आसान और किफायती है।

फ्लेक्सिबल डिडक्टिबल ऑप्शन: टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस में आप अपनी ज़रूरत और बजट के हिसाब से डिडक्टिबल राशि खुद तय कर सकते हैं।

टैक्स बेनिफिट: टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर सेक्शन 80D के तहत टैक्स छूट मिलता है।जिससे आपको कुल ₹75,000 तक का टैक्स लाभ ले सकते हैं।

डिडक्टिबल लिमिट (Deductible Limit) क्या होता है ?

डिडक्टिबल लिमिट (Deductible Limit) का मतलब वह तय राशि जो आपको या आपके बेस हेल्थ इंश्योरेंस को पहले खर्च करना होता है उसके बाद आप Top-up Health Insurance का लाभ उठा पाएगें |

उदाहरण: मान लीजिए आपके पास ₹5 लाख का बेस हेल्थ इंश्योरेंस है और ₹10 लाख का टॉप-अप प्लान है, जिसमें डिडक्टिबल लिमिट ₹5 लाख है

  • अब अगर अस्पताल का बिल ₹4 लाख है तो यह पूरा खर्च आपका बेस प्लान कवर कर लेगा, टॉप-अप प्लान इस्तेमाल ही नहीं होगा।
  • लेकिन अगर अस्पताल का बिल ₹6 लाख आता है तो पहले ₹5 लाख बेस प्लान से कटेंगे, बाकी ₹1 लाख टॉप-अप प्लान से कवर होगा।

नोट: अगर बेस पॉलिसी का कवरेज डिडक्टिबल लिमिट से कम है, तो बीच का फर्क आपको अपनी जेब से भरना पड़ेगा।

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Top-up Health Insurance में क्या-क्या कवर होता है?

Top-up health insurance policy में आमतौर पर वही मेडिकल खर्च कवर होता है जो एक सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में शामिल होते हैं,

मुख्य कवरेज

  1. अस्पताल में भर्ती का खर्च – कमरे का किराया, नर्सिंग, ICU चार्ज, डॉक्टर की फीस
  2. प्री-हॉस्पिटलाइजेशन खर्च – भर्ती होने से पहले किए गए टेस्ट और दवाइयों का खर्च (आमतौर पर 30 दिन तक)
  3. पोस्ट-हॉस्पिटलाइजेशन खर्च – डिस्चार्ज के बाद की दवाइयां और जांच (आमतौर पर 60–90 दिन तक)
  4. डे-केयर प्रक्रियाएं – 24 घंटे से कम समय में पूरी होने वाली सर्जरी या इलाज
  5. ऑपरेशन और सर्जरी का खर्च – जैसे बाईपास, किडनी ट्रांसप्लांट, ऑर्थोपेडिक सर्जरी आदि
  6. एम्बुलेंस खर्च – अस्पताल तक लाने-ले जाने का चार्ज (सीमा के अंदर)

Top-up Health Insurance कैसे काम करता है ?

आपके पास ₹5 लाख का एक बेस हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है टॉप-अप में डिडक्टिबल लिमिट होती है यह वह रकम है जिसे पहले बेस पॉलिसी या अपनी जेब से देना होगा | डिडक्टिबल पूरा होते ही आपका टॉप-अप पॉलिसी एक्टिव हो जाता है

Top-up Health Insurance तब काम आता है जब आपका अस्पताल का बिल बड़ा हो जाए | टॉप-अप पॉलिसी छोटे खर्चों के लिए नहीं, बल्कि बड़े मेडिकल बिल कवर करने के लिए बनाया गया है |

Top-up vs Basic Health Insurance Plan में अंतर

पहलूBasic Health Insurance PlanTop-up Health Insurance Plan
उद्देश्यशुरू से ही आपके मेडिकल खर्च को कवर करता है।केवल तभी कवर करता है जब खर्च डिडक्टिबल लिमिट से ज्यादा हो।
कब काम करता हैहर छोटे-बड़े मेडिकल बिल पर।सिर्फ बड़े मेडिकल बिल पर, जब बेस प्लान या आपकी जेब से खर्च तय लिमिट से ऊपर चला जाए।
डिडक्टिबलनहीं होता।होता है – तय लिमिट तक का खर्च आपको या बेस प्लान को उठाना होता है।
प्रीमियमतुलनात्मक रूप से ज्यादा।कम प्रीमियम में ज्यादा कवरेज।
किसके लिए बेहतरजिनके पास कोई हेल्थ कवरेज नहीं है या फुल कवर चाहते हैं।जिनके पास पहले से बेस हेल्थ प्लान है और एक्स्ट्रा कवरेज चाहिए।
उदाहरण₹5 लाख की बेस पॉलिसी – बिल ₹3 लाख आया तो पूरा कवर।₹10 लाख का टॉप-अप, डिडक्टिबल ₹5 लाख – बिल ₹8 लाख आया तो ₹5 लाख बेस से, ₹3 लाख टॉप-अप से।

Top-up vs Super Top-up Health Insurance (टॉप-अप बनाम सुपर टॉप-अप)

Super Top-up Health Insurance एक ऐड-ऑन या अलग स्वास्थ्य बीमा है जो आपकी बेस (मुख्य) हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की कवरेज लिमिट खत्म होने के बाद, पूरे साल में हुए मेडिकल खर्चों को जोड़कर कवर करती है, अगर वो डिडक्टिबल (Deductible) लिमिट से ज्यादा हो तो |

Example से समझें: मान लीजिए आपके पास बेस पॉलिसी ₹5 लाख की है और आपने Super Top-up ₹10 लाख का लिया है, जिसमें डिडक्टिबल ₹5 लाख है।

Case 1:

  • पहला हॉस्पिटल बिल = ₹4 लाख → डिडक्टिबल से कम है → Super Top-up से पैसा नहीं मिलेगा।
  • दूसरा हॉस्पिटल बिल = ₹3 लाख
    • अब तक का कुल खर्च = ₹4 लाख + ₹3 लाख = ₹7 लाख
    • डिडक्टिबल = ₹5 लाख, तो ₹2 लाख Super Top-up से मिलेगा।

Case 2 (बड़ा एक ही बिल):

  • हॉस्पिटल बिल = ₹8 लाख
    • ₹5 लाख बेस पॉलिसी से
    • ₹3 लाख Super Top-up से मिलेगा।
पहलूTop-up Health InsuranceSuper Top-up Health Insurance
कवरेज का तरीकासिर्फ एक ही हॉस्पिटलाइजेशन बिल में अगर खर्च डिडक्टिबल लिमिट से ऊपर जाता है तो कवर करता है।पूरे साल के दौरान हुए सभी हॉस्पिटलाइजेशन खर्चों को मिलाकर अगर वे डिडक्टिबल लिमिट से ऊपर जाते हैं तो कवर करता है।
डिडक्टिबल की गिनतीहर क्लेम के लिए अलग-अलग डिडक्टिबल गिना जाता है।साल भर के सभी मेडिकल खर्च जोड़कर एक बार डिडक्टिबल गिना जाता है।
कब फायदाएक बार का बड़ा मेडिकल खर्च होने पर।साल में कई बार हॉस्पिटलाइजेशन होने पर भी फायदा।
प्रीमियमसुपर टॉप-अप से थोड़ा सस्ता।टॉप-अप से थोड़ा महंगा लेकिन कवरेज ज्यादा लचीला।
उदाहरणडिडक्टिबल ₹5 लाख, बिल ₹8 लाख – तो ₹5 लाख आप/बेस प्लान देंगे, ₹3 लाख टॉप-अप से मिलेगा। दूसरा बिल ₹4 लाख – डिडक्टिबल से कम है, कवर नहीं होगा।डिडक्टिबल ₹5 लाख, पहले बिल ₹3 लाख और दूसरे बिल ₹4 लाख – दोनों मिलाकर ₹7 लाख हुआ, ₹5 लाख डिडक्टिबल कटकर ₹2 लाख सुपर टॉप-अप से मिलेगा।

Best Top-up Health Insurance Plan कैसे चुनें ?

एक सही टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान चुनना उतना ही जरूरी है जितना सही बेस पॉलिसी चुनना। यहां कुछ आसान और जरूरी पॉइंट दिए गए है |

अपनी जरूरत के हिसाब से डिडक्टिबल चुनें: डिडक्टिबल वह राशि है जो आपको खुद देनी होती है या बेस हेल्थ इंश्योरेंस से कवर होती है। यदि अगर आपका बेस हेल्थ इंश्योरेंस ₹5 लाख का है, तो डिडक्टिबल भी उतना ही रखें, ताकि उसके ऊपर का खर्च टॉप-अप प्लान से कवर हो जाए।

कवरेज और इंक्लूज़न चेक करें: टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस चुनते समय कवरेज और इंक्लूज़न चेक करना सबसे अहम स्टेप है जैसे डे-केयर ट्रीटमेंट, ICU चार्ज, प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन कवर, बड़े मेडिकल खर्च जैसे हार्ट सर्जरी, कैंसर ट्रीटमेंट, ऑर्गन ट्रांसप्लांट आदि, जिनमें लाखों रुपये खर्च हो सकते हैं। क्योंकि यहीं से पता चलता है कि आपका प्लान किन-किन खर्चों को कवर करेगा और किन्हें नहीं।

सुपर टॉप-अप ऑप्शन पर विचार करें: इससे आप एक साल के पूरे मेडिकल खर्च को जोड़कर डिडक्टिबल से ऊपर की राशि को कवर करता है। यह ज्यादा बेहतर विकल्प इसलिए है क्योंकि कई बार साल में एक से ज्यादा हॉस्पिटलाइजेशन हो सकता हैं।

प्रीमियम और कंपनी की क्लेम सेटलमेंट रेश्यो देखें: हेल्थ इंश्योरेंस प्लान सिर्फ कम प्रीमियम देखकर प्लान चुनना सही नहीं है। बेहतर होगा कि कंपनी का CSR 90%+ हो या ज्यादा इससे पता चलता है की हेल्थ इंश्योरेंस सफलतापूर्वक सेटल हो रहा है और कंपनी भरोसेमंद होने का संकेत देता है।

वेटिंग पीरियड और एक्सक्लूज़न समझें: कुछ खास बीमारियों या पहले से मौजूद (Pre-existing) बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड 2 से 4 साल तक हो सकता है। इस 2 से 4 साल समय को वेटिंग पीरियड कहते हैं | इसमें इंश्योरेंस कंपनी कुछ समय तक उसका कवर नहीं देती।

उदाहरण: अगर आपको डायबिटीज है और वेटिंग पीरियड 3 साल है, तो पॉलिसी के पहले 3 साल में डायबिटीज से जुड़ा इलाज कवर नहीं होगा।

एक्सक्लूज़न (Exclusions) ये वो बीमारियां या मेडिकल कंडीशन्स हैं जिन्हें इंश्योरेंस पॉलिसी कभी कवर नहीं करती।
जैसे—कॉस्मेटिक सर्जरी, डेंटल ट्रीटमेंट, एडवेंचर स्पोर्ट्स में लगी चोट आदि। पॉलिसी डॉक्यूमेंट में दी गई एक्सक्लूज़न लिस्ट को ध्यान से पढ़ें ताकि क्लेम के समय सरप्राइज न मिले।

टिप: टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस चुनते समय ऐसे प्लान को प्राथमिकता दें जिसमें वेटिंग पीरियड कम हो और एक्सक्लूज़न कम से कम हों।

निष्कर्ष (Conclusion):

अगर आपके पास पहले से एक बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान है, लेकिन आप इसके अलावा मेडिकल खर्च से भी सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो Top-up Health Insurance आपके लिए एक स्मार्ट और किफायती विकल्प होगा। top up health insurance plans आपको बड़ी बीमारियों या महंगे इलाज के समय आर्थिक सुरक्षा देता है, वो भी कम प्रीमियम में।

इसे चुनते समय आपको सही कवरेज और इंक्लूज़न, कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड, वेटिंग पीरियड और एक्सक्लूज़न, डिडक्टिबल इन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है | Top-up Health Insurance Plan आपको अपने मौजूदा हेल्थ प्लान को मजबूत बनाने, मेडिकल खर्च का बोझ कम करने और लंबे समय तक हेल्थ कवर बनाए रखने में मदद करता है।

Top-up Health Insurance FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Top-up Health Insurance क्या होता है ?

टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस एक अतिरिक्त कवर है जो बेस हेल्थ प्लान है जो मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस कवर (Sum Assured) पूरी तरह समाप्त होने के बाद एक्टिव होता है।

क्या टॉप-अप प्लान लेने के लिए बेस हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी है?

हाँ, ज्यादातर मामलों में बेस प्लान जरूरी है ताकि आपका डिडक्टिबल हिस्सा पहले कवर हो सके।

डिडक्टिबल (Deductible) का मतलब क्या है?

डिडक्टिबल वह रकम या राशि है जिसे आपको अपनी जेब से या बेस प्लान से चुकाना होगा, और इसके बाद टॉप-अप प्लान खर्च कवर करना शुरू करेगा।

टॉप-अप और सुपर टॉप-अप में क्या अंतर है?

टॉप-अप: केवल एक बार का क्लेम अमाउंट डिडक्टिबल से ज्यादा होने पर कवर करता है।
सुपर टॉप-अप: पूरे साल के कुल मेडिकल खर्च को डिडक्टिबल से ज्यादा होने पर कवर करता है।

क्या टॉप-अप पॉलिसी अलग कंपनी से ली जा सकती है?

हाँ ऐसा हो सकता है लेकिन ध्यान रहें की क्लेम प्रोसेस आसान रखने के लिए कोशिश करें कि दोनों प्लान एक ही कंपनी से लें।

क्या प्री-एक्सिस्टिंग डिजीज (PED) टॉप-अप में कवर होती हैं?

हाँ, लेकिन वेटिंग पीरियड पूरा होने के बाद। यह अलग-अलग कंपनियों में अलग हो सकता है।

टॉप-अप प्लान का प्रीमियम कितना होता है?

यह बेस प्लान से काफी कम होता है, क्योंकि इसमें डिडक्टिबल लागू होता है।

क्या टॉप-अप प्लान का टैक्स बेनिफिट मिलता है?

हाँ, सेक्शन 80D के तहत टैक्स डिडक्शन मिलता है।

टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस कब लेना चाहिए?

जब आपको अपने बेस कवर से ज्यादा सम-इंश्योर्ड चाहिए लेकिन प्रीमियम कम रखना है।

क्या टॉप-अप प्लान में कैशलेस क्लेम की सुविधा होती है?

हाँ, अगर कंपनी का नेटवर्क हॉस्पिटल लिस्ट में अस्पताल शामिल है तो कैशलेस सुविधा मिलेगी।

टॉप-अप प्लान चुनते समय किन बातों का ध्यान रखें?

डिडक्टिबल अमाउंट
कवरेज और इंक्लूज़न
नेटवर्क हॉस्पिटल
क्लेम सेटलमेंट रेश्यो
वेटिंग पीरियड और एक्सक्लूज़न

क्या टॉप-अप प्लान फैमिली फ्लोटर में मिल सकता है?

हाँ, कई कंपनियां फैमिली फ्लोटर ऑप्शन देती हैं जिसमें पूरे परिवार का कवरेज होता है।

कौन लोग टॉप-अप प्लान लें?

जिनके पास बेस हेल्थ इंश्योरेंस है लेकिन कम कवरेज है
जो बड़े मेडिकल खर्च से बचाव चाहते हैं
जिनका बजट लिमिटेड है लेकिन हाई कवरेज चाहिए

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