SIP vs PPF – ₹90,000 सालाना निवेश से 32 साल में कहां मिलेगा बड़ा रिटर्न ?

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SIP vs PPF with Rs 90,000 year investment in 32 years
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SIP vs PPF: इस दोनों का रिटर्न और रिस्क अलग – अलग होता है जहाँ PPF एक फिक्स्ड रिटर्न देता है तो वही सिप का रिटर्न फिक्स्ड नहीं होता यह बाजार की स्थिति के अनुसार ऊपर-नीचे हो सकता है लेकिन SIP लॉन्ग-टर्म में बहुत अच्छा रिटर्न प्रदान करता है | सिप में मुख्य रूप से हमें कम्पाउंडिंग कर असर देखने को मिलता हैं |

PPF क्या होता है ?

PPF यानि Public Provident Fund कहते हैं जो सरकार के द्वारा समर्थित एक रिटायरमेंट प्लान है जिसमे आपको फिक्स्ड ब्याज (Fixed Interest) दर मिलता है और इसमें आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.5 लाख तक का छूट , जो कटौती के लिए योग्य है।

वर्तमान में, NSIINDIA.gov.in के अनुसार (01 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2025) तक Public Provident Fund पर 7.1 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर सरकार द्वारा प्रदान किया जाता हैं |

₹90,000 सालाना निवेश PPF में

अगर आप हर साल ₹90,000 जमा करते है तो :-

  • वार्षिक निवेश: ₹90,000 (मासिक निवेश ₹7,500 x 12 महीने)
  • समय अवधि: 32 वर्ष
  • ब्याज की दर: 7.1 प्रतिशत
  • निवेश की राशि: 28,80,000
  • अनुमानित कुल ब्याज: ₹79,53,320
  • कुल सेवानिवृत्ति राशि: ₹1,08,33,320.

SIP में सलाना ₹90,000 का निवेश

SIP में आपको कोई फिक्स्ड रिटर्न नहीं मिलता | अगर हम SIP (इक्विटी फण्ड) में 12% का एवरेज रिटर्न मान के चले तो ₹7,500 मासिक निवेश यानि सलाना (₹7,500 x 12 महीने = ₹90,000) का निवेश होगा |

विवरणSIP (12% वार्षिक रिटर्न)
कुल निवेश अवधि32 वर्ष
मासिक निवेश राशि₹7,500
कुल निवेश राशि₹28,80,000
अनुमानित पूंजी लाभ (Capital Gain)₹2,63,08,783
अनुमानित रिटायरमेंट कॉर्पस ₹2,91,88,783

नोट: उपरोक्त गणना 12% वार्षिक औसत रिटर्न पर आधारित है, जो इक्विटी म्यूचुअल फंड में SIP से संभव है। वास्तविक रिटर्न बाजार की स्थिति पर निर्भर करेगा।

SIP vs PPF: किसके लिए सही है

PPF निवेश उनके लिए सही है जो बिल्कुल सुरक्षित निवेश, टैक्स छूट, लंबी अवधि में स्थिर रिटर्न, कम जोखिम क्षमता और छोटे निवेशकों के लिए जो सालाना ₹500 से ₹1.5 लाख तक निवेश कर सकते है, इसलिए यह कम आय वाले लोगों के लिए भी उपयुक्त है।

SIP उनके लिए उपयुक्त है जन्हें लंबी अवधि के लिए निवेश चाहते है, कम जोखिम सहने वाले परंतु ऊंचा रिटर्न चाहने वालों के लिए, मध्यम आय वर्ग के लिए, टैक्स प्लानिंग करने वालों के लिए जैसे ELSS जैसे टैक्स सेविंग फंड्स में SIP करके 80C के तहत टैक्स में छूट भी पा सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

SIP vs PPF दोनों के निवेश में अपना अलग – अलग रिटर्न और रिस्क होता है आप अपने जोखिम, रिटर्न, निवेश अवधि और वित्तय लक्ष्य के अनुसार निवेश करें |

अस्वीकरण (Disclaimer): इस ब्लॉग की सभी जानकारियाँ केवल सामान्य जानकारी और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए दी गई हैं। यहाँ दी गई सामग्री को किसी भी प्रकार की वित्तीय, निवेश, बीमा या शेयर बाजार संबंधी सलाह न माना जाए। निवेश से जुड़े निर्णय लेने से पहले अपने प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें। ब्लॉग/लेखक किसी भी प्रकार के नुकसान, त्रुटि या निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।