Export Impact Trump Tariff: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के ऊपर 25% का टैरिफ लगाया| यह टैरिफ दूसरे कई देशों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा हैं| इससे भारत के एक्सपोर्ट पर पड़ा असर पड़ सकता हैं जानिए कौन से है वे एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स जिसको लग सकता है बड़ा झटका | यह टैरिफ 1 अगस्त 2025 से प्रभावित होगा इससे वस्त्र, आभूषण, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट्स पर खतरा बढ़ सकता है |
अमेरिका का दूसरे देशों पर टैरिफ
moneycontrol के अनुसार, अमेरिका ने भारत पर 25% का टैरिफ लगाया है तो वही कुछ देश जैसे यूरोपीय संघ (15 प्रतिशत) और यूके (10 प्रतिशत) और कुछ दक्षिण पूर्व एशियाई देशों जैसे कि इंडोनेशिया (19 प्रतिशत), फिलीपीन्स (20 प्रतिशत) और वियतनाम (20 प्रतिशत) तक का टैरिफ लगया गया हैं |
फिलहाल चाइना पर 30% का टैरिफ है लेकिन चीन और अमेरिका के बिच इस टैरिफ को लेकर अभी बात चित जारी है वही मलेशिया पर भी भारत के बराबर 25% का टैरिफ लगाया गया हैं |
Export Impact Trump Tariff
भारतीय उद्योग जो सबसे ज्यादा अमेरिकी बाजार पर भारी निर्भर हैं| भारतीय उद्योग जो सबसे तेज़ प्रभाव का सामना कर रहे हैं, वे वे हैं जो अमेरिकी बाजार पर भारी निर्भर हैं और मूल्य प्रतिस्पर्धा में तात्कालिक बदलावों के प्रति संवेदनशील हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और ऑटो घटक, फार्मा, वस्त्र और रत्न एवं आभूषण उद्योग शामिल हैं।
टेक्सटाइल और गारमेंट इंडस्ट्री पर सीधा असर
अमेरिका, भारत के कपड़ा और परिधान एक्सपोर्ट का करीब 28% हिस्सा खरीदता है। अब जबकि बांग्लादेश और वियतनाम जैसे सस्ते प्रतिस्पर्धी भी इसी बाजार को टारगेट कर रहे हैं, तो भारत को भारी नुकसान हो सकता है।
रेमंड के CFO अमित अग्रवाल ने कहा, “इतने कम मार्जिन वाले कारोबार में इस टैक्स को एब्ज़ॉर्ब करना नामुमकिन है। इसका असर सीधे अमेरिकी ग्राहकों पर पड़ेगा।”
रत्न और आभूषण उद्योग पर खतरे की घंटी
यूएस भारत के जेम्स और ज्वेलरी सेक्टर का सबसे बड़ा मार्केट है, जहां से $10 अरब से ज्यादा का एक्सपोर्ट होता है।
GJEPC के चेयरमैन किरीट भानसाली ने कहा, “25% टैरिफ से लागत बढ़ेगी, डिलिवरी में देरी होगी, और कारीगरों से लेकर मैन्युफैक्चरर्स तक सब पर दबाव बढ़ेगा। हम अमेरिका से अपील करते हैं कि इस फैसले पर पुनर्विचार करे।”
फार्मा सेक्टर को राहत, पर खतरा अभी बाकी है
फिलहाल फार्मा पर यह टैरिफ लागू नहीं हुआ है, लेकिन ट्रंप प्रशासन की सख्त भाषा और जांच इस दिशा में खतरे का संकेत देती है।
ग्रांट थॉर्नटन भारत के मनोज मिश्रा ने कहा, “फार्मा को अभी राहत है, लेकिन भविष्य में सेक्टर-स्पेसिफिक टैरिफ आ सकते हैं।”
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर भी संकट में
भारत का अमेरिका को सबसे बड़ा एक्सपोर्ट इलेक्ट्रिकल मशीनरी (जैसे स्मार्टफोन) है, जो 2024 में $12 अरब था।
IESA के अध्यक्ष अशोक चंडक ने कहा, “25% टैरिफ से सप्लाई चेन प्रभावित होगी और कीमतों की प्रतिस्पर्धा में भारत पिछड़ सकता है। यह समय है भारत के लिए कि वह घरेलू मार्केट को मजबूत करे और वैल्यू चेन में ऊपर चढ़े।”
भारत की GDP पर असर पड़ सकता है
FY26 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान में 20 बेसिस प्वाइंट की गिरावट आ सकती है, अगर सितंबर-अक्टूबर तक ट्रेड डील फाइनल नहीं होती।
ICRA की अदिति नायर ने कहा, “पहले जो टैरिफ सोचे थे, ये उससे कहीं ज्यादा हैं। इससे प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और एक्सपोर्ट दोनों पर असर पड़ेगा।”
जल्दबाज़ी में डील से बचना ज़रूरी
विशेषज्ञ मानते हैं कि भले ही 25% टैरिफ बुरा है, लेकिन एक कमजोर या अधूरी डील कृषि और डेयरी सेक्टर को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकती थी।
एलारा कैपिटल की गरिमा कपूर ने कहा, “अगर सभी पहलुओं पर सोच-समझकर डील हुई तो भारत के लिए लंबी अवधि में फायदे होंगे।”
ग्रांट थॉर्नटन के मिश्रा ने कहा, “यह टैरिफ अस्थायी हो सकता है, दोनों देश जल्द ट्रेड एग्रीमेंट की दिशा में काम करेंगे।”
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